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देवी के लिए नैवेद्य के पदार्थ बनाते समय मिर्च, नमक और तेल का प्रयोग अल्प मात्रा में करें और घी जैसे सात्विक पदार्थों का प्रयोग अधिक करें। नैवेद्य के लिए सिद्ध (तैयार) की गई थाली में नमक न परोसें। भगवती को नैवेद्य निवेदित करने से पहले अन्न ढककर रखना चाहिए। नैवेद्य समर्पण में सर्वप्रथम इष्टदेवता या इष्टदेवी से प्रार्थना कर भगवती के समक्ष भूमि पर जल से चौकोर मंडल बनाएं तथा उस पर नैवेद्य की थाली रखें। नैवेद्य समर्पण में थाली के सर्व ओर घडी के कांटे की दिशा में एक ही बार जल का मंडल बनाएं। पुनः विपरीत दिशा में जल का मंडल न बनाएं। नैवेद्य निवेदित करते समय ऐसा भाव रखें कि ‘हमारे द्वारा अर्पित नैवेद्य माँ बगलामुखी तक पहुंच रहा है तथा देवी उसे ग्रहण कर रही हैं।’

दीप-आरती तीन बार धीमी गति से उतारें। दीप-आरती उतारते समय बाएं हाथ से घंटी बजाएं। दीप जलाने के संदर्भ में ध्यान में रखने योग्य सूत्र:

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मंत्र ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा

पीतांबरा के नाम से प्रसिद्ध देवी बगलामुखी की शक्तियां असीमित हैं, तीनों लोक में उनके जैसा बलवान कोई नहीं है, भले ही आपके किसी शत्रु ने आप पर तंत्र का प्रयोग किया हो, तो यह आराधना मात्र से उस बाधा को दूर करती है। बगलामुखी अपने साधक के दुश्मनों के सभी प्रयासों को विफल कर देती है। श्री बगलामुखी का परिचय आध्यात्मिक रूप में भगवान की विनाशकारी शक्ति है जो दुश्मनों को भौतिक और आध्यात्मिक रूप में नीचे रखना चाहता है। पितंबरा विद्या के नाम से मशहूर बगलामुखी को अक्सर दुश्मन के डर से मुक्त होने के लिए अभ्यास किया जाता है।

इस साधना में पीली धोती और पीला वस्त्र ही पहना जा सकता है

भगवान को मिष्ठान का भोग लगाया जाता है इसको ही नैवेद्य कहते हैं

One more surprising issue is cremation grounds are located close to this temple. As a result of this very few people appear and go in this article. But most of the people arrive at this spot for tantra observe.

Baglamukhi Devi sits over the jewel-inlayed throne. Get mounted to the jewel-inlayed chariot and demolish enemies. No you can defeat the devotee of Goddess in The entire planet. He receives good results in each and every sphere of everyday living.

‘Ga’, the next letter, means ‘She Who grants all sorts of divine powers or siddhis and successes to human beings’. ‘La’, click here the third letter, signifies ‘She That is the inspiration of a myriad of sustaining powers in the world like the earth and it is Consciousness Herself’.

To do that, by the subsequent celibacy that has a accurate heart, with entire rituals, one should also pray for forgiveness through the goddess by the subsequent mantra.

ऊ. महाभिषेक के उपरांत पुन: आचमन के लिए ताम्रपात्र में जल छोड़ें तथा देवी की प्रतिमा को पोंछकर रखें ।

मङ्गलवार-युक्त चतुर्दशी, मकार, कुल-नक्षत्रों से युक्त ‘वीर-रात्रि कही जाती है। इसी की ‘ अर्ध-रात्रि’ में श्रीबगला का आविर्भाव हुआ था।

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